Friday, February 20, 2009

याद आया

रात को सोते हुवे एक आहात सी सुनाई दी ,
कम्बल को ज़ोर से लपेट कर सोने की कोशिश की ,
पर मुह से एक नाम निकला और नींद खुली,
किसी ने मेंरे मुह पर पानी छिड़क दिया था ,
पर था नही कोई यह शैतानी की मेरी आँख ने ,
भाई आज रात को आँख खुली तो तू बहुत याद आया ।

कहीं पर दोस्त तेरा साथ था ,
सुबह उठ केर तेरा चेहरा दीखता था ,
रात को सोते समय भी साथ तुम ही थे ,
ज़िन्दगी का हेर पल तेरी दोस्ती के लिए था ,
आज जब ख़ुद को तनहा राह पर देखा ,
तो वोह भाई का हाथ बहुत याद आया ।

करता आया हूँ गलतिया उमर भर से ,
एक दोस्ती तेरे से की थी मैंने कभी ,
सबसे बड़ा काम भी वोह ही था और गलती भी ,
आज जब गिरता हुवा भी गलती नही कर सकता ,
तो भाई तेरा सहारा बड़ा याद आया ।

साथ खाना खाया एक उमर भर ,
और भूखा भी रहा तेरे लिए मेरी जान ,
व्रत तक रखे की जिए तू मेरी भी एक ज़िन्दगी ,
रात उठ उठ के खाना भी बनाया ,
आज जब खाना छोड़ देते है एक वक्त का
भाई तेरा व्रत बड़ा याद आया ।

खेल खेलता था तू तड़प कर साथ मेरे ,
और हरा के रख देता था सबको ऐसे ही ,
और में साथ खड़ा मुस्कुरा देता तेरी जीत पर ,
आज उस खेल में जब में बन गया एक मोहरा ,
दोस्त तेरा खेल बहुत याद आया ।

दौडाते थे सड़क पर बाइक पूरी तेज़ी से ,
किसी से कभी नही हारे उस शहर में कभी कहीं ,
और आपस में हार जीत सोची नही कभी ,
आज जब इस तनहा शहर की दौड़ में अकेले दौड़ा ,
भाई तेरी MP -13 bahut yaad aayi .

ज़मीन से आसमा तक और अपने घर से सामने वाले तक ,
एक पूरी दुनिया एक नज़र में नाप लेते थे ,
एक शहर से दूसरे पलक झपकते होते थे ,
कहीं दिल जीते तो कहीं हड्डिया तोडी ,
फ़िर कहीं पर पलकों पर ख्वाब सजा के आए ,
आज वीराने शहर में तेरी नजरो से दिल जीतना चाहा ,
तो भाई तू बहुत याद आया ।

पूरी पूरी रात निकल जाती थी एक प्याले में ,
कभी रात गुज़री है हमने ठंडी सड़को पर भी,
और कहीं एक किस्से पर दिन गुज़रता था ,
कहीं रोये भी है साथ और बताये है दिल के टुकड़े तुझे ,
आज जब दिल टुकड़े टुकड़े हो गया ,
तो भाई तू बहुत याद आया ।
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यह पंक्तिया सिर्फ़ उन दो लोगो के लिए है , जो इनमे छुपी एक उमर तलाश सकते है ।
क्यूंकि आज जब तन्हाई में अपनी कमाई देखता हूँ ,
तू सिर्फ़ दोस्त ही नज़र आते है ।

6 comments:

  1. jab bhi baithe hum dono saath, dost tu bahut yaad aaya

    kisi ka tha mood kharab ya bana masti ka plan, har dukh mein, khushi mein, hum dono ki jaan, tu bahut yaad aaya !! aur aata rahega....

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  2. her saans mein , her tootti haddi mein ,
    her accident mein , her subah ke chai k pyaale mein ,
    tum yaad aaye

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  3. tujhe kya lagta hai, yaad sirf tujhe hi aati hai,
    aaj bhi jab chai peete hain, tujhe rokne ko jee karta hai,
    aaj bhi jab saath baithte hain, to hanse ko jee karta hai,
    par kya karen aisa kuch nahi kar paate,
    kismat ne jo taale lagaye, unhe khol nahi pate,
    har lamha har pal dost tu hi yaad aaya,par teri yaad mein ro nahi pate

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  4. mein jaanta hoon ki ho nahi sakta ki yaad na aaye tumhe , hiccups aati hongi tumhe bhi , kyunki mein bhi unse hi hoon pareshaan.
    Teri yaad mein rona to nahi , per haan hasi bahut aati hai .
    itni choti baatein hai pagle ki her cheez mein tu dikhta hai , per cheez choti nahi hai tu ... tere mein aur mere mein bus farak hai itna , tu mujhe yaad kerta hai aur mein tujhe .

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